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डरना तो पड़ेगा

लगभग 28 साल का करण,,,किचन में खाना बना रहा है,,,उसका पूरा ध्यान गैस पर रखी कढ़ाई पर है,,,वह अच्छे से कढ़ाई में चम्मच चला रहा है,,,तभी उसके पीछे से कोई गुजरा,,,जिसकी आहट उसके कानों में पड़ी और उसने फटाक से घबराते हुए, पीछे मुड़कर देखा पर उसे कोई दिखाई नहीं दिया,,,,उसने अपने चेहरे का पसीना पोछा और रूम में आकर देखा,,,घर का दरवाजा खुला है,,,उसने मन में सोचा

करण - दरवाजा,,,अपने आप कैसे खुल गया"?

फिर उसने दरवाजा लगाया और उसके कानों में पानी की आवाज सुनाई दी,,,उसका ध्यान,,बाथरूम की ओर गया, बाथरूम से ही पानी के शोर की आवाज आ रही है,,,वह डरते हुए,,,धीरे-धीरे बाथरूम की ओर बड़ा और उसने डरते हुए,,,बाथरूम के नजदीक आकर कहा

करण - क,,,क,,,क,,,कौन है,,,अंदर"?

तभी बाथरूम के अंदर से किसी के चिल्लाने की आवाज आई ओर उसमें से एक आदमी बाहर आया,,,जिसका चेहरा,,,,खून से लथपथ देखकर,,,करण भयभीत होकर,,,नीचे गिरा और आयाम ओं

करण - "बचाओ"! और वहीं बेहोश हो गया,,,

फिर उस आदमी ने अपना मुंह टॉवल से पोछा और करण को संभालते हुए बोला

आदमी - अरे,,,भांजे,,,मैं,,,,तुम्हारा मामा हूं"!

पर करण बेसुध होकर, पढ़ा रहा ,,,फिर मामा ने करण के चेहरे पर पानी का छिड़काव किया,,,तब करण को होश आया और उसने, डरते हुए कहा

करण - मामा जी,,,मुझे बचा लो,,,यहां भूत है"!

तब मामा हंसते हुए बोला

मामा - हा हा हा हा,,,भांजे तू,,,एक नंबर का फट्टू है,,,यहां कोई भूत नहीं है"!

तब करण ने बताया

करण - मामा जी,,,अभी बाथरुम से भूत निकला था,,,मैंने,,,अपनी आंखों से उसका खून से लथपथ चेहरा देखा था"!

तब मामा ने बताया

मामा - अरे,,,भांजे,,,,वह भूत नहीं,,,में था,,,गांव जा रहा था तो ट्रेन मिस हो गई,,,इसलिए तेरे घर चला आया,,,दरवाजा खुला था और बहुत जोर से लगी थी,,,इसीलिए डायरेक्ट फ्रेश होने, बाथरूम चला गया था,,,तु खामखा डर रहा है"!

तब करण बोला

करण -तो आप,,,बाथरूम में चिल्लाए क्यों"?

तब मामा ने कहा

मामा - तेरे बाथरूम का पानी,,,खून की तरह लाल हो गया है,, उस पानी को देखकर,,,मैं डर गया था और चिल्लाया था"!

तब करण के सारे डाउट क्लियर हुए और उसने उठकर रिलैक्स होते हुए कॉन्फिडेंस से कहा

करण - अरे,,,,हां,,,याद आया, ,परसों होली थी तो मेरे दोस्तों ने छत की टंकी में कलर मिला दिया था,,,तभी से पानी,,लाल आ रहा है"!

तब मामा ने कहा

मामा - सुबह टंकी साफ कर,,,उसका पानी पानी बदल लेना और बहुत जोर से भूख लग रही है, ,यार,,,,क्या बनाया है,,,तूने"? मामामा ने अपने मटके जैसे पेट पर हाथ मलते हुए कहा

तभी कारण को गैस पर रखी,,,अपनी कढ़ाई याद आई और वह यह कहते हुए किचन की ओर दौड़ा

करण - अरे मेरी दाल"!

करण ने किचन में आकर देखा,,,कड़ाई से धुंआ निकल रहा है और उसकी दाल जलकर,,,काली राख बन गई है,,फिर करण ने गैस बंद किया और अपने मामा से कहा

करण - सारी दाल जल गई,,,अब घर में बनाने के लिए,,,कुछ नहीं है,,,मैं होटल से खाना लेकर आता हूं"!

तब मामा ने अपने पेट पर हाथ मलते हुए कहा

मामा - ठीक है,,,मेरे लिए,,,चिकन और तंदूरी रोटी ले आना"!

तब करण ने बोला

करण - मामा,,,पहले ही मोटे हो रहे हो और कितनी चर्बी चढ़ाओगे"? करण ने जाते हुए कहा

फिर मामा ने अंदर से दरवाजा लगाया और पंखा चालू कर सोफे पर बैठे,,,,पंखा चूं,,,,,,चां,,,,,चूं,,,,,चां,,,,,,करके चल रहा है और उसमें से डरावनी आवाज आ रही है,,,मामा ने पंखा बंद किया और फिर सोफे पर बैठ गया और बैठे-बैठे ही उनकी नींद लग गई

मामा सोफे पर सोए हैं,,,तब उनके कान में एक डरावनी आवाज आई

डरावनी आवाज - में आऊं क्या,, मैं आऊं क्या,,,,

मामा ने चोकंते हुए आंखें खोली और उनको किचन में किसी की भयानक परछाई नजर आई और आवाज आई

"में आऊं क्या,,,,मैं आऊं क्या,,,,

मामा उस भयानक आवाज और उस डरावनी परछाई को देखकर डर गए,,,,उनका चेहरा पसीने से भीग गया,,,फिर वह डरते हुए उठे और धीरे-धीरे सहमते हुए,,,उस परछाई की ओर बड़े और उन्होंने डरते हुए,,,उस परछाई से पूछा

मामा - क,,,,क,,,,क,,,,कौन है,,वहां"?

तभी उस परछाई ने अपनी भयानक आवाज में कहा

"तुम,,,,मुझे नहीं जानते,,,मामा जी,,,,मैं,,,तुम्हारी मौत हूं

तब मामा डरते हुए, फिर बोले

"म,,,,म,, मैंने,,,,,तुम्हारा क्या बिगड़ा है"?

वह परछाई डरावनी आवाज में बोली

परछाई - तुमने,,,मेरा क्या बिगाड़ा है"?

और वह परछाई रोने लगी,,,उसकी रोने की आवाज बहुत भयानक और डरावनी है,,,,मामा डरते हुए किचन में पहुंचे और उन्होंने देखा,,,,एक लड़का खून में लथपथ,,,अपना मुंह छुपाए,बैठा रो रहा है,,,,मामा ने डरते हुए उससे पूछा

मामा - तुम,,,,,रो क्यों रहे हो"?

पर वह कुछ नहीं बोला और रोता रहा,,,मामा ने दोबारा पूछा

मामा - कौन हो तुम"?

और उसकी और हाथ बढ़ाया,,,तभी उसने अपना भयानक चेहरा दिखाया,,,,उसका भयानक चेहरा देखकर,,,मामा जोर से चिल्लाया

मामा - "आआआ"!

तभी किसी ने दरवाजा खटखटाया और मामा की आंख खुली,,,मामा की आंख खुलते ही मामा को समझ आया,,,वह एक भयानक सपना देख रहे थे,,,उन्होंने अपना पसीना पोछा और दरवाजा खोला,,,तब करण ने गुस्से से कहा

करण - कब से दरवाजा पीट रहा हूं,,,कहां चले गए थे, आप"?

मामा - वो मेरी नींद लग गई थी"!

नेक्स्ट सीन

रात के 10:00 बजे हैं,,,मामा भांजे खाना खा रहे हैं,,,तभी मामा ने पूछा

मामा - भांजे,,,तूने यह फ्लैट, कितने में लिया"?

करण - मामा,,,पूरे 20 लाख रुपए में पड़ा है"!

तब मामा ने हिचकीचाते हुए पूछा

मामा - तूने,,,गृह प्रवेश करने से पहले,,,पूजा पाठ कराई थी,,,मुझे लगता है,, यहां किसी आत्मा का साया है"!

तब काशरण ने हंसते हुए कह

करण -  हा हा हा हा,,,क्या मामा जी,,,आप भी इस जमाने में ऐसी सोच रखते हो,,,कोई भूत नहीं होता है,,यह सब हमारे मन के वहम है,,,सुबह मेरी,,,बहुत इंपॉर्टेंट मीटिंग है,,,इसलिए मुझे जल्दी सोना पड़ेगा,,,आप बेड पर सो जाना और मैं सोफे पर सो जाऊंगा,,,गुड नाइट,,,एंड स्वीट ड्रीम"!  करण ने अपनी थाली उठाकर,,,किचन की ओर जाते हुए कहा

तब मामा ने मन में कहा

मामा - यहां स्वीट ड्रीम नहीं,,,भूत के ड्रीम आते हैं,,,हे भगवान,,, कहां फंस गया में  "! फिर मामा ने भी अपनी थाली जाकर किचन में रखी और हाथ धोकर,,,रूम में बेड पर आकर बैठे,,,

तभी अचानक करण ने लाइट आफ की,,,मामा एकदम सहमे और बोले

मामा - भांजे,,,लाइट क्यों बंद की"?

करण ने सोफे पर लेटे हुए कहा्

करण - मामा,,,,मुझे रोशनी के कारण नींद नहीं आती है"! और करण ने मन में अपने, मामा को कोसते हुए आगे कहा

करण  - एक तो बिन बुलाए, आ धमके और मुझे डरा दिया और अब चैन से सोने भी नहीं दे रहे हैं,, कल इनका बोरिया बिस्तर बांधकर,,,इन्हें रेलवे स्टेशन छोड़कर आऊंगा"!

तब मामा ने मन में कहा

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2 Comments

Babita patel

03-Jul-2024 08:34 AM

👍👍

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Varsha_Upadhyay

12-Jun-2024 04:39 PM

V nice 👍🏻

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